Saturday 14 June 2014

RatnaChintamani Vihardham pratistha utsav





प.पु. तपागच्छाधिपति आचार्यदेव श्री विजय रामसूरीश्वरजी महाराजा (डहेलावाला)के शिष्य
प.पु. गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री विजय अभयदेव सूरीश्वरजी महाराजाके शिष्य रत्न
प.पु. तत्व प्रवचनप्रज्ञ आचार्य भगवंत श्री विजय रत्नचन्द्र सूरीश्वरजी महाराजा की शुभ निश्रामें

बनासकांठा जिल्ले के दियोदर तालुकाके जाजरमान ऐसे जाड़ा गाम मुकामे
कलिकाल कल्पतरु महामहिम श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान
एवं श्री रत्नचिंतामणि पार्श्वनाथ प्रभु ओर श्री सीमंधर स्वामी प्रभुकी
अंजनशलाका प्रतिष्ठा उत्सव एवं श्री रत्नचिंतामणि विहारधामका उद्घाटन इत्यादि
शासन प्रभावक कार्यो पु. गुरुदेवश्री की निश्रामें संपन्न हुए|

ता.१३-२-२०१४ के शुभ दिन चतुर्विध श्री संघकी उपस्थितिमें प्रभु गादीनसीन हुए,
यहाँ पर प्रस्तुत हे प्रभुकी प्रतिष्ठाके समयकी कुछ ज़लकिया.....

यह तो सिर्फ ज़लक हे सम्पूर्ण उत्सवतो इससेभी शानदार ओर जानदार हुआ था..

जल्द ही जल्द इसी प्रभुके अंजन घुट्न(प्रभुकी अंजन शलाका हेतु  प्रभु के चक्षुमें जो
अंजन आचार्य भगवंत करते हे उसे चार कुमारिकाए बनाती हे ओर फिर उसे
आचार्य भगवंतको सुपरत किया जाता हे ताकि आचार्य भगवंत उससे प्रभुका अंजन करे)
का विधान का वीडियोभी जल्द से जल्द अपलोड किया जायेगा

Join Us:
www.facebook.com/hriday.parivartan
www.hridayparivartan.blogspot.com

No comments:

Post a Comment