ह्रदय परिवर्तन परिवार तरफथी एक भव्य नव्य भक्ति गीतनी भेट
रजा आपो हवे दादा जेवा सुंदर गीतनी रचना बाद
गणि उदयरत्न विजयजी महाराजनी एक भव्य-नव्य सुंदर भक्ति गीतनी रचना
सांभळवानु बिलकुल चुकशो नहीं!
गीत : आ मारा महाराज जी... आ मारा महाराज जी
रचना : मुनि उदयरत्न विजयजी गणि
स्वर : जतीन बेड - मुंबई
गीत यु-ट्यूब लिंक : http://youtu.be/okJOY-TNRhM
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:~: भक्ति गीतना शब्दों :~:
बनी ठनीने सजी धजीने खूब खूब मलकायजी
आ मारा महाराज जी, आ मारा महाराज जी....(१)
कदी फूलोना हार पहेरे,रमे फूलोना ढगले जी,
अबुध अमारो जीव भोळियो,दौड़ तमारे पगले जी,
मलकंता सामे शु बेठा? बोलो तो संभलाय जी.
आ मारा महाराजजी, आ मारा महाराजी जी.... (२)
बाजुबंध ने मुगट कलगी,सोनल वर्णी आँखि जी,
ज़गमग ऐना रूपने जोई, आ दुनिया शरमाती जी,
लाड लटावे भक्तो एने...खूब करे एने व्हाल जी,
आ मारा महाराजजी, आ मारा महाराजी जी...(३)
व्हाला व्हाला नाथने मळवा, भीतर तालावेली जी,
"उदय" रत्ननी जेम अमारे, काज खोलने डेली जी,
तमे अमोने खूब गमो छो... वधु ना कहेवाय जी..
आ मारा महाराजजी, आ मारा महाराजी जी...(४)
आ मारा महाराजजी, आ मारा महाराजी जी...
आ मारा महाराजजी, आ मारा महाराजी जी...(३)
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