प्रभु वीरना जीवन माँ प्रभु वीरने थयेला उपसर्गो जाणवा नो अवसर
सचिन लिमयना सुमधुर कंठे प्रभु वीर उपसर्ग नी सज्जायनु गान
शुभ निश्रा : प.पू. आचार्य भगवंत श्री विजय रत्नचन्द्र सूरीश्वरजी म.सा.
(डहेलावाला)
ता. 10/8/2014
श्री फुलचंद कल्याणचंद जैन पौषधशाला
लाल बंगला,अठवालाइन्स जैन संघ
सूरत.
www.facebook.com/hriday.parivartan
www.hridayparivartan.blogspot.com
जय जीनेन्द्र
No comments:
Post a Comment